Pokemon Go !

Pokemon मेरे दोस्त कहाँ चल दिए थे चुपके – चुपके ख़ैर बुढ़ापे से पहले फिर मेरी गली आ गए । चलो, मिलते हैं फ़िर कही बीच बाजार या नुक्कड़ के पार मोबाइल में करूँगा अब तुम्हारा इंतज़ार ।

अपनों को अपनों से दूर…..

गम में खुद को बिखरते हुए देखा है
अपनों को अपनों से दूर होते हुए देखा है ।
कल तक जो संग खेलते थे हँसते – गाते
आज, नज़रों से नज़र भी कहाँ मिलाते ।
हालात के चौराहे पर
सख्सियत को बदलते देखा है ।
अपनों को अपनों से दूर होते हुए देखा है ।