‘अपेक्षित’ और ‘उपेक्षित’
में फर्क बड़ा है भाया ।
जनता- जनार्दन के लिए
जो है ‘अपेक्षित’ ,
नेताओं के लिए
वही ‘उपेक्षित’ ।
इतिहास में पहली बार भाया
कोई नेता,
सच्ची सपथ ले रहा था
खामखा टोक दिया ।
‘अपेक्षित’ और ‘उपेक्षित’
में फर्क बड़ा है भाया ।
जनता- जनार्दन के लिए
जो है ‘अपेक्षित’ ,
नेताओं के लिए
वही ‘उपेक्षित’ ।
इतिहास में पहली बार भाया
कोई नेता,
सच्ची सपथ ले रहा था
खामखा टोक दिया ।