बदनाम इलेक्शनवा

चोरी, लूटपाट
बदनामी का पहनत लिबास है
फिर भी नेताजी कहत
होवत प्रदेश का विकाश है।

जाने कितनी हाथियों की मूरत
बदली न दलितों की सूरत
फिर भी बहनजी कहत रही
करत दिन- रात बेजोड़ प्रयास है।

कल भैय्याजी भी तनिक मूड में
फुके चुनाव प्रचार का बिगुल वा।
कहत रहिन
काम- काज जो किये इतने साल
वोट देना हमरा को
दिखाना है और भी कमाल।

कुछ समझ न आवत
एक कुआँ, दूजा खाई
कईसन होए हमार प्रदेश की भलाई।

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